भजन छोड़ हंगामा! हंसराज रघुवंशी के कार्यक्रम में भक्तों का जोश बना तोड़फोड़ का कारण!"
भोरमदेव महोत्सव में भक्ति के बीच बवाल!
भक्ति संगीत का माहौल, हंसराज रघुवंशी की गूंजती आवाज और हजारों भक्तों की उमड़ी भीड़... लेकिन अचानक माहौल बदल गया! जहां भजन संध्या में श्रद्धा की धारा बहनी थी, वहां हंगामा, तोड़फोड़ और भगदड़ मच गई।
कैसे शुरू हुआ हंगामा?
कार्यक्रम शुरू होते ही भारी संख्या में लोग हंसराज रघुवंशी की झलक पाने के लिए मंच के करीब पहुंचने लगे। लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुछ लोग उत्साह में मंच की ओर बढ़ने लगे, जिससे सुरक्षा कर्मियों और भीड़ के बीच झड़प हो गई।
हंगामे ने लिया उग्र रूप!
स्थिति बेकाबू होती गई और माहौल भक्तिभाव से ज्यादा हंगामे और आक्रोश का मैदान बन गया। कुछ नाराज दर्शकों ने कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दीं, तो कहीं मंच के पास तोड़फोड़ होने लगी। भीड़ में कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाकर धक्का-मुक्की करने लगे, जिससे कई लोग गिर गए और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
कार्यक्रम बीच में रोका गया!
जब स्थिति हाथ से निकलने लगी, तो आयोजकों को मजबूरन कार्यक्रम रोकना पड़ा। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह हालात काबू में किए, लेकिन तब तक हंगामे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे थे।
कौन जिम्मेदार?
अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी भीड़ को संभालने की जिम्मेदारी किसकी थी? क्या आयोजकों ने पहले से पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए थे, या फिर भीड़ पर नियंत्रण खो बैठने से यह घटना घटी?
अब आगे क्या?
इस हंगामे के बाद आयोजकों और प्रशासन ने सफाई देने से बच रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा गर्म है। कई लोग इसे "भक्ति का असली जोश" कह रहे हैं, तो कुछ "अव्यवस्था का नतीजा" बता रहे हैं। अब देखना यह है कि आयोजक और प्रशासन इससे क्या सबक लेते हैं!
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