लहसुन: एक प्राकृतिक औषधि, जानिए इसके फायदे, नुकसान और आयुर्वेद में महत्व
Garlic: A natural medicine, know its benefits, disadvantages and importance in Ayurveda। लहसुन: एक प्राकृतिक औषधि, जानिए इसके फायदे, नुकसान और आयुर्वेद में महत्व

लहसुन: एक प्राकृतिक औषधि, जानिए इसके फायदे, नुकसान और आयुर्वेद में महत्व
रायपुर। लहसुन (Garlic) भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह न सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाला मसाला है, बल्कि आयुर्वेद में इसे एक प्रभावशाली औषधि भी माना गया है। लहसुन का इस्तेमाल हजारों वर्षों से औषधीय रूप में किया जाता रहा है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। आइए जानते हैं लहसुन खाने के फायदे, संभावित नुकसान और आयुर्वेद में इसकी भूमिका क्या है।
लहसुन खाने के फायदे
1. हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
लहसुन रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है
लहसुन में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटिवायरल गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाते हैं।
3. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
नियमित रूप से कच्चा लहसुन खाने से हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
4. पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
यह पेट के कीड़ों को खत्म करता है और गैस, अपच व पेट दर्द में राहत देता है।
5. डायबिटीज में फायदेमंद
लहसुन ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है और इंसुलिन की क्रिया को बेहतर बनाता है।
6. एंटीऑक्सीडेंट गुण
लहसुन शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करता है, जिससे बढ़ती उम्र के प्रभावों को रोका जा सकता है।
लहसुन के नुकसान
जहां लहसुन के कई फायदे हैं, वहीं इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं:
अधिक मात्रा में सेवन से पेट में जलन, गैस और दस्त हो सकते हैं।
कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है।
ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे मरीजों को डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को सीमित मात्रा में ही लहसुन का सेवन करना चाहिए।
आयुर्वेद में लहसुन का महत्व
आयुर्वेद में लहसुन को 'रसायन' श्रेणी की औषधियों में गिना गया है। इसका उपयोग वात, कफ और कुछ हद तक पित्त दोष को संतुलित करने में किया जाता है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, लहसुन हृदय, पाचन तंत्र और जोड़ों के लिए लाभकारी है।
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे आयुर्वेद ग्रंथों में लहसुन का वर्णन एक उत्तम वाजीकरण (शक्ति वर्धक) औषधि के रूप में किया गया है।
लहसुन सेवन करने का आयुर्वेदिक तरीका
कच्चा लहसुन: रोज सुबह खाली पेट एक या दो कली पानी के साथ चबाकर खाई जा सकती है।
लहसुन का ताजा रस: 2-3 बूँद ताजा लहसुन रस, शहद के साथ लिया जा सकता है।
लहसुन तेल: जोड़ों के दर्द में लहसुन के तेल से मालिश करना लाभकारी होता है।
लहसुन दूध: 5-6 लहसुन की कलियों को दूध में उबालकर पीने से वात रोगों में आराम मिलता है।
मायने
लहसुन एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है, जो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। यदि इसे सही मात्रा और तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह अनेक रोगों से बचाव कर सकता है। हालांकि किसी भी औषधीय प्रयोग से पहले योग्य आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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