छत्तीसगढ़ में सूचना प्रौद्योगिकी को नई दिशा, ‘छत्तीसगढ़ सोसायटी फॉर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी’ (पंजीकृत) का शुभारंभ
छत्तीसगढ़ में सूचना प्रौद्योगिकी को नई दिशा, ‘छत्तीसगढ़ सोसायटी फॉर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी’ (पंजीकृत) का शुभारंभ

छत्तीसगढ़ में सूचना प्रौद्योगिकी को नई दिशा, ‘छत्तीसगढ़ सोसायटी फॉर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी’ (पंजीकृत) का शुभारंभ
रायपुर, 10 सितम्बर 2025। छत्तीसगढ़ में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) को शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में नई दिशा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सोसायटी फॉर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (पंजीकृत) [CGSIT] का औपचारिक शुभारंभ आज राजधानी रायपुर में हुआ। यह शुभारंभ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने सरकारी आवास में किया।
इस अवसर पर आईटी क्षेत्र से जुड़े शिक्षाविद्, शोधकर्ता, प्रोफेसर, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और आईटी प्रोफेशनल बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम को आईटी जगत के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा और तकनीकी शोध के क्षेत्र में यह सोसायटी एक सशक्त मंच का कार्य करेगी। उन्होंने सोसायटी की आधिकारिक वेबसाइट का भी लोकार्पण किया और इसके माध्यम से होने वाली आगामी गतिविधियों के लिए शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में ट्रिपल आईटी रायपुर के निदेशक प्रो. ओ.पी. व्यास, सोसायटी के नव-नियुक्त अध्यक्ष प्रो. एच.एस. होता (अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, बिलासपुर), सहसचिव डॉ. स्वाति जैन (सहायक प्राध्यापक, छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर) तथा कोषाध्यक्ष श्री लीलाधर गवेल (सहायक प्राध्यापक, आत्मानंद महाविद्यालय बिलासपुर) प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. होता ने बताया कि CGSIT का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी की पढ़ाई, अध्यापन, शोध और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह सोसायटी राज्य के स्कूली और महाविद्यालयीन छात्रों तथा शिक्षकों को आईटी के नए प्रयोगों और उसकी संभावनाओं से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने का कार्य करेगी।
सोसायटी की कार्ययोजना और उद्देश्य
छत्तीसगढ़ सोसायटी फॉर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का संकल्प है कि पूरे राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी का एक सुदृढ़ इकोसिस्टम (ecosystem) विकसित किया जाए। इसके अंतर्गत समय-समय पर विभिन्न कार्यशालाएँ, कॉन्फ्रेंस, हैकाथॉन, सेमिनार, प्रशिक्षण सत्र और शोध आधारित गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
साथ ही, यह सोसायटी राज्य सरकार की आईटी नीति और कार्यक्रमों को सशक्त बनाने में भी सहयोगी भूमिका निभाएगी। इससे न केवल तकनीकी शिक्षा को गति मिलेगी बल्कि उद्योगों और सरकारी संस्थानों के बीच भी आईटी के क्षेत्र में एक बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
संरक्षक मंडल
सोसायटी के संरक्षक मंडल में प्रदेश के प्रमुख शिक्षाविदों और आईटी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इनमें –
प्रो. सारस्वत – माननीय कुलपति, पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय, रायपुर
प्रो. ओ.पी. व्यास – निदेशक, ट्रिपल आईटी रायपुर
प्रो. ए.के. सक्सेना – प्राध्यापक, कंप्यूटर साइंस, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर
निर्वाचित पदाधिकारी
सोसायटी के निर्वाचित पदाधिकारी इस प्रकार हैं –
अध्यक्ष : प्रो. एच.एस. होता (अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, बिलासपुर)
उपाध्यक्ष : श्री एच.एस. टोंडे (संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, अंबिकापुर)
सचिव : डॉ. रेशम लाल प्रधान (पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, बिलासपुर)
सहसचिव : डॉ. स्वाति जैन (छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर)
कोषाध्यक्ष : लीलाधर गवेल (आत्मानंद महाविद्यालय, बिलासपुर)
आईटी शिक्षा और नवाचार की नई दिशा
अध्यक्ष प्रो. होता ने अपने संबोधन में कहा कि सोसायटी आने वाले समय में न केवल प्रदेश के आईटी शिक्षा और शोध को नई दिशा देगी बल्कि युवाओं को नवाचार और उद्यमिता (entrepreneurship) के नए अवसर यू भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी अब वैश्विक स्तर पर आईटी रिसर्च, एप्लिकेशन डेवलपमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम होंगे।
मायने
छत्तीसगढ़ में आईटी के क्षेत्र को गति देने के उद्देश्य से स्थापित यह सोसायटी शिक्षा और शोध संस्थानों, सरकारी नीतियों और उद्योग जगत को जोड़ने का एक मजबूत मंच साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह पहल प्रदेश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही डिजिटल इंडिया अभियान में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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