शर्मनाक! पिता ने 50 हजार में बेचा, दलालों ने जबरन सेक्स रैकेट में झोंका – इंसानियत को तार-तार करने वाली कहानी!
इस अमानवीय कृत्य की जानकारी मिलते ही रायपुर पुलिस ने बिहार के रोहतास जिले में छापेमारी कर चारों बहनों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया। पुलिस ने इस मामले में दो दलालों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

📍 रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मानवता को शर्मसार करने वाला एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक ही परिवार की चार बेटियों को उनके पिता ने मात्र 50 हजार रुपये में बेच दिया। इसके बाद उन्हें देह व्यापार में धकेल दिया गया। जब इन बहनों ने इस घिनौने काम का विरोध किया, तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया और कई दिनों तक भूखा रखा गया।
इस अमानवीय कृत्य की जानकारी मिलते ही रायपुर पुलिस ने बिहार के रोहतास जिले में छापेमारी कर चारों बहनों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया। पुलिस ने इस मामले में दो दलालों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
रायपुर पुलिस के मुताबिक, पीड़ित बहनों में से एक किसी तरह दलालों के चंगुल से भाग निकली और बिहार के एक पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपनी दर्दनाक दास्तां सुनाई। लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने तुरंत रायपुर पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने बिहार के रोहतास जिले में ऑपरेशन चलाकर अन्य तीन बहनों को बचाया।
बचाई गई बहनों ने पुलिस को बताया कि उनके पिता ने उन्हें 50 हजार रुपये में दलालों को बेच दिया था, जो उन्हें पहले रायपुर से बिहार लेकर गए। वहां उन्हें जबरन देह व्यापार में धकेला गया।
पिता ने क्यों और कैसे बेचा अपनी ही बेटियों को?
जानकारी के मुताबिक, चारों बहनों की मां की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद उनका पिता शराब की लत में डूब गया और पैसों की तंगी झेलने लगा। जब उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी, तो उसने अपने ही खून को 50 हजार रुपये में दलालों को बेच दिया।
बेटियों का आरोप है कि उन्हें एक कमरे में बंद रखा गया और जबरन जिस्मफरोशी के लिए मजबूर किया गया। अगर वे मना करतीं, तो उन्हें बेरहमी से पीटा जाता और कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता था।
पुलिस ने कैसे किया ऑपरेशन?
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की और बिहार पुलिस के सहयोग से रोहतास जिले में छापेमारी की।
🔹 चारों बहनों को सुरक्षित बचाया गया।
🔹 मौके से दो दलालों को गिरफ्तार किया गया।
🔹 गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
रायपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "यह एक संगठित गिरोह है जो मानव तस्करी में शामिल है। पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करेगी।"
पीड़ित बहनों की दर्दनाक आपबीती
रेस्क्यू के बाद पुलिस को दिए गए बयान में बहनों ने अपनी आपबीती सुनाई:
🗣 "हमें एक कमरे में कैद करके रखा गया था। अगर हम विरोध करते, तो हमें बुरी तरह पीटा जाता।"
🗣 "हमें रोज़ अलग-अलग लोगों के पास भेजने की कोशिश की जाती थी। जब हमने मना किया, तो हमें भूखा रखा गया।"
🗣 "हमें यह सोचकर बेचा गया कि हम कभी वापस नहीं आ पाएंगे, लेकिन अब हमें न्याय चाहिए।"
इन बहनों की यह कहानी समाज को झकझोर देने वाली है और एक बड़े अपराध की ओर इशारा करती है।
आरोपियों पर क्या कार्रवाई होगी?
इस मामले में रायपुर पुलिस ने कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है:
✅ पिता: मानव तस्करी, बच्चों की बिक्री और शोषण के गंभीर आरोप।
✅ दलाल: देह व्यापार और नाबालिगों को अवैध रूप से रखने के आरोप में गिरफ्तार।
✅ मकान मालिक (अगर शामिल हुआ) - उसे भी जांच के दायरे में लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, इस घिनौने रैकेट से जुड़े अन्य लोगों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
समाज के लिए एक बड़ा सबक
यह मामला देश में मानव तस्करी और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की भयावह स्थिति को दर्शाता है। गरीबी, अशिक्षा और शराब की लत के कारण बेटियां आज भी असुरक्षित हैं। अगर इन बहनों में से एक भागकर पुलिस तक नहीं पहुंचती, तो शायद वे आज भी दलालों के चंगुल में फंसी होतीं।
समाज और सरकार को मिलकर इन अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे:
🔹 मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कानून लागू किए जाएं।
🔹 देह व्यापार में धकेली गई महिलाओं के पुनर्वास की योजना बनाई जाए।
🔹 बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
निष्कर्ष: अब और नहीं, बेटियों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
रायपुर की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह जरूरी है कि इस तरह के अपराधों को जड़ से खत्म किया जाए और दोषियों को कठोर सजा दी जाए।
अगर आप भी किसी ऐसी लड़की को देखते हैं जो किसी खतरे में है या शोषण का शिकार हो रही है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। आपकी सतर्कता किसी की जिंदगी बचा सकती है।
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