Two priests accused of rape arrested दुष्कर्म के आरोपी दो पादरी गिरफ्तार, रायपुर और जबलपुर की अलग-अलग घटनाएं

दुष्कर्म के आरोपी दो पादरी गिरफ्तार, रायपुर और जबलपुर की अलग-अलग घटनाएं

Aug 31, 2025 - 19:26
Aug 31, 2025 - 19:38
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Two priests accused of rape arrested  दुष्कर्म के आरोपी दो पादरी गिरफ्तार, रायपुर और जबलपुर की अलग-अलग घटनाएं

दुष्कर्म के आरोपी दो पादरी गिरफ्तार, रायपुर और जबलपुर की अलग-अलग घटनाएं

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से जुड़े अलग-अलग घटनाओं ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने दुष्कर्म के मामलों में दो पादरियों को गिरफ्तार किया है। पहला मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का है, जहां एक पादरी ने महिला को शादी का झांसा देकर लगातार शारीरिक शोषण किया। वहीं दूसरा मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का है, जिसमें एक पादरी ने महिला को बीमारी ठीक करने और आशीर्वाद देने के नाम पर अपने जाल में फँसाया और शोषण करता रहा। दोनों ही मामलों में पीड़िताओं की शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

रायपुर का मामला: शादी का झांसा देकर शोषण

रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी कि अगस्त 2024 में उसकी पहचान महादेव घाट निवासी पादरी हिमांशु सागर से हुई। महिला ने बताया कि उस समय उसके और पति के बीच विवाद चल रहा था। पादरी ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए महिला से नज़दीकी बढ़ाई और शादी का झांसा दिया।

जनवरी 2025 में महिला का पति घर छोड़कर चला गया। इसी दौरान आरोपी पादरी ने महिला से बार-बार मिलने के बहाने संबंध बनाए। फरवरी 2025 में जब महिला ने शादी के लिए दबाव डाला तो पादरी टालमटोल करने लगा।

महिला का आरोप है कि 5 दिसंबर 2024 को आरोपी ने उसे सरस्वती नगर श्मशानघाट बुलाया और शादी करने का नाटक किया। इस दौरान उसने शारीरिक संबंध बनाए। अगस्त 2025 में महिला गर्भवती हुई और उसने जब पादरी पर शादी का दबाव बनाया, तो उसने बात करना बंद कर दिया।

निराश और परेशान महिला ने टिकरापारा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपी पादरी हिमांशु सागर को गिरफ्तार कर लिया।

जबलपुर का मामला: बीमारी ठीक करने के बहाने शोषण

दूसरी घटना मध्यप्रदेश के जबलपुर की है। यहाँ फरसापुर निवासी पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2023 में उसके पति की मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद वह अपने तीन साल के बच्चे के साथ मायके में रह रही थी। इसी बीच मोहल्ले का पादरी पीड़िता के घर आने-जाने लगा और उसे बीमारी ठीक करने का झांसा देने लगा।

पीड़िता का कहना है कि पादरी उसे चर्च ले जाता और वहां आशीर्वाद देने के नाम पर दुष्कर्म करता। यही नहीं, चर्च के वरिष्ठ पादरी के कहने पर वह कई बार पीड़िता के घर भी आने लगा और शोषण किया।

पीड़िता ने बताया कि दिसंबर 2024 में आरोपी पादरी पीटरराम ने शादी का झांसा देकर संबंध बनाए। जनवरी 2025 में जब वह गर्भवती हो गई और शादी का दबाव डाला, तो आरोपी ने उससे दूरी बना ली। परेशान होकर पीड़िता ने जबलपुर के बरेला थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी पादरी को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

दोनों ही मामलों में पुलिस ने पीड़िताओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया। रायपुर और जबलपुर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पुलिस का कहना है कि दोनों मामलों में पर्याप्त सबूत मिले हैं और आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान प्रस्तुत किया जाएगा।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के मामलों में पीड़िताओं का साहसिक कदम सामने आना बहुत अहम है। अधिकतर बार महिलाएं सामाजिक बदनामी के डर से शिकायत दर्ज नहीं करातीं। लेकिन जब कोई पीड़िता सामने आती है, तो अपराधियों पर नकेल कसने का मौका मिलता है।

समाज में आक्रोश और चर्च पर सवाल

इन घटनाओं के सामने आने के बाद समाज में गहरा आक्रोश है। धार्मिक स्थलों और पादरियों से आम लोगों को विश्वास और मार्गदर्शन की उम्मीद रहती है। लेकिन जब कोई धार्मिक व्यक्ति ही अपने पद और पहचान का गलत फायदा उठाकर महिलाओं का शोषण करता है, तो यह आस्था पर बड़ा आघात होता है।

सोशल मीडिया पर भी लोग इन घटनाओं को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि समाज को ऐसे लोगों की पहचान कर कठोर दंड दिलाने की आवश्यकता है। वहीं कुछ लोगों ने यह भी मांग की कि धार्मिक संस्थाओं पर निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति आस्था के नाम पर अपराध न कर सके।

विशेषज्ञों की राय

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे मामलों में पीड़ित महिलाएं अक्सर गहरे मानसिक आघात से गुजरती हैं। शादी का झांसा या बीमारी का इलाज जैसे बहाने महिलाओं के विश्वास को तोड़ते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में पीड़िताओं को काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहयोग की आवश्यकता होती है।

कानून विशेषज्ञों ने बताया कि शादी का झांसा देकर बनाए गए संबंध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं। ऐसे मामलों में आरोपी को कठोर सज़ा का प्रावधान है।

मायने

रायपुर और जबलपुर की ये दोनों घटनाएँ समाज के सामने गंभीर सवाल खड़े करती हैं। एक ओर जहाँ आस्था और धर्म के नाम पर भरोसा तोड़ा गया, वहीं दूसरी ओर महिलाओं की असुरक्षा उजागर हुई। पुलिस ने भले ही दोनों पादरियों को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन ऐसे मामलों से बचाव के लिए समाज को सजग रहना होगा।

महिलाओं को भी यह समझना होगा कि किसी भी परिस्थिति में उन्हें कानूनी मदद लेने से नहीं हिचकना चाहिए। क्योंकि अपराधी तभी तक ताकतवर होते हैं, जब तक पीड़ित चुप रहते हैं।

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