कवासी लखमा शराब घोटाले के सबसे बड़े खलनायक घोषित हुए
छत्तीसगढ़ में हाल ही में उजागर हुए शराब घोटाले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में 3,800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रमुख आरोपी बताया गया है।

रायपुर: छत्तीसगढ़ में हाल ही में उजागर हुए शराब घोटाले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में 3,800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रमुख आरोपी बताया गया है।
क्या है घोटाले का मामला?
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, कवासी लखमा इस अवैध शराब सिंडिकेट के प्रमुख थे। आरोप है कि उन्हें हर महीने 1.5 से 2 करोड़ रुपये तक का कमीशन मिलता था। इस घोटाले का कुल अनुमानित आंकड़ा 2,100 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि यह पूरा नेटवर्क लखमा के निर्देशों पर संचालित होता था, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।
चार्जशीट में और कौन हैं आरोपी?
इस मामले में लखमा के अलावा 11 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर राज्य में अवैध शराब बिक्री से करोड़ों रुपये का घोटाला किया। चार्जशीट में दावा किया गया है कि इस सिंडिकेट के माध्यम से बड़ी मात्रा में काला धन जुटाया गया, जिसे अलग-अलग तरीकों से सफेद किया गया।
लखमा ने किया बचाव, वकील बोले – आरोप बेबुनियाद
इस मामले पर कवासी लखमा के वकील फैजल रिजवी ने बयान देते हुए कहा कि ईडी के पास उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई केवल अनुमान और राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई है।
कोर्ट में होगी सुनवाई
इस मामले में आज रायपुर की अदालत में सुनवाई होनी है, जहां लखमा को पेश किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की जांच में और क्या खुलासे होते हैं और यह मामला किस दिशा में बढ़ता है।
राजनीति में बढ़ी हलचल, जनता कर रही तीखी चर्चा
इस घोटाले ने राज्य की राजनीति में भारी उथल-पुथल मचा दी है। जनता के बीच भी इस घोटाले को लेकर बहस तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए इस मामले की गहराई से जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या होगा आगे?
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, यह मामला आने वाले दिनों में और भी रोचक मोड़ ले सकता है। क्या ईडी के आरोप सही साबित होंगे, या यह सिर्फ राजनीतिक साजिश निकलेगा? इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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