छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा अवैध धर्मांतरण का मुद्दा विदेशी फंड पर निगरानी जल्द ही बनेगा कड़ा कानून

Mar 19, 2025 - 15:56
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा अवैध धर्मांतरण का मुद्दा विदेशी फंड पर निगरानी जल्द ही बनेगा कड़ा कानून

 छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा अवैध धर्मांतरण का मुद्दा, डिप्टी सीएम शर्मा, बोले 'कड़े कानून लाएंगे' छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा अवैध धर्मांतरण का मुद्दा, डिप्टी सीएम शर्मा, बोले 'कड़े कानून लाएंगे' पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि चंगाई सभा की आड़ में लोगों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने की शिकायतें मिलने पर पुलिस उचित जांच कर त्वरित कानूनी कार्रवाई करती है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा अवैध धर्मांतरण का मुद्दा, डिप्टी सीएम शर्मा, बोले 'कड़े कानून लाएंगे' छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए जल्द ही नया कड़ा कानून बनाएगी. शर्मा ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से कथित अवैध धर्मांतरण का मुद्दा विधानसभा में उठाए जाने के बाद यह जानकारी दी. चंद्राकर ने इस मुद्दे को उठाते हुए दावा किया कि राज्य में चंगाई सभा की आड़ में भोले-भाले, असहाय, गरीब लोगों को लालच देकर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कार्य क्षेत्र में काम करने के उद्देश्य से गठित गैर-सरकारी संगठन विदेशों से धन प्राप्त कर रहे हैं और कथित तौर पर इसका इस्तेमाल धर्मांतरण गतिविधि के लिए कर रहे हैं. राज्य में कई ऐसे गैर-सरकारी संगठन हैं, जो धार्मिक आधार पर पंजीकृत हैं और उन्हें विदेशों से भी धन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बस्तर जिले में पंजीकृत 19 में से नौ संगठन और जशपुर जिले में 18 में से 15 संस्थाएं ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित की जा रही हैं. इन संस्थाओं पर नियंत्रण न होने से भी धर्मांतरण को बढ़ावा मिल रहा है. चंद्राकर ने कहा कि अधिकांश संस्थाएं जशपुर जिले (मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का गृह जिला) में संचालित हो रही हैं, जहां धर्मांतरण के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. विधायक चंद्राकर ने इस दौरान साल की शुरुआत में बिलासपुर और रायपुर जिलों में पुलिस के पास दर्ज धर्मांतरण के कुछ मामलों का भी हवाला दिया. उन्होंने दावा किया, 'धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग के इस्तेमाल से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, सरकार इस तरह के फंड पर रोक लगाने का दावा करती है, लेकिन संस्थाएं अंकेक्षण रिपोर्ट न देकर अपना रास्ता निकाल लेती हैं.' अपने जवाब में उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राज्य में संचालित गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) पर स्थानीय प्रशासन का नियंत्रण न होने से धर्मांतरण जैसी घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि चंगाई सभा की आड़ में लोगों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने की शिकायतें मिलने पर पुलिस उचित जांच कर त्वरित कानूनी कार्रवाई करती है. शर्मा ने बताया कि 2020 में ऐसी घटना (अवैध धर्म परिवर्तन) में एक मामला दर्ज किया गया, 2021 में सात मामले, 2022 में तीन मामले, 2023 में कोई मामला दर्ज नहीं, 2024 में 12 मामले और इस साल अब तक राज्य में चार मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन से संबंधित शिकायतें मिलने पर पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कानूनी कार्रवाई की जा रही है. शर्मा ने कहा कि जांच में अगर किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ सबूत मिलते हैं तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाती है. इसके बाद चंद्राकर ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और मुख्यमंत्री विष्णुदेव सिया ने हाल ही में इस बारे में कहा था (राज्य में विदेशी धन प्राप्त करने वाले एनजीओ के निरीक्षण के बारे में ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह की सहायता का इस्तेमाल धर्म परिवर्तन सहित अवैध गतिविधियों में नहीं किया जा रहा है). उन्होंने आगे राज्य में विदेशी धन प्राप्त करने वाले एनजीओ के विवरण और ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त होने के बारे में पूछा. शर्मा ने कहा कि विदेशी धन प्राप्त करने वाले एनजीओ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं और गृह मंत्रालय इन संगठनों द्वारा विदेशी धन प्राप्त करने की निगरानी करता है. इससे पहले राज्य में 364 एनजीओ थे, जिन्हें विदेशी फंड मिल रहा था. 2020 में अधिनियम में संशोधन किया गया. बाद में, राज्य में ऐसे 84 एनजीओ पर प्रतिबंध लगा दिया गया और 127 अन्य स्वत: बंद हो गए. वर्तमान में राज्य में विदेशी फंड प्राप्त करने वाले 153 एनजीओ कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि एक प्रक्रिया है कि अगर राज्य को अवैध गतिविधियों में लिप्त ऐसे एनजीओ के खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो आगे की कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी दी जाती है. राज्य सरकार ने उन संगठनों का ऑडिट करने का भी फैसला किया है जो ज्यादातर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं, जिन्हें पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है. शर्मा ने कहा कि किस संगठन को कितना पैसा और कब मिला और पिछले तीन वर्षों का उनका वित्तीय ऑडिट किया जाएगा. इसके बाद चंद्राकर ने पूछा कि क्या सरकार अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए नए प्रावधान या कानून लाएगी. उपमुख्यमंत्री ने कहा, साय सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बहुत गंभीर है. छत्तीसगढ़ में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम तो लागू है, लेकिन सरकार सोच रही है कि नए कानूनी प्रावधान लागू होने चाहिए. उन्होंने कहा कि नए प्रावधान उचित समय पर लागू किए जाएंगे. विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शर्मा ने कहा कि अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी गंभीरता से काम कर रहा है. उन्होंने कहा, 'फिलहाल पुराने प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है. सरकार नए प्रावधानों की जरुरत पर विचार कर रही है. हम जल्द ही नया कानून लाएंगे. अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए जल्द ही कड़ा कानून बनाया जाएगा.'

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