Former Home Minister Nanki Ram Kanwar is under house arrest, पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर का हाउस अरेस्ट, 2005 आईएएस आईपीएस गिरोह से त्रस्त अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर का हाउस अरेस्ट, 2005 आईएएस आईपीएस गिरोह से त्रस्त अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल: पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर का हाउस अरेस्ट, अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति इस समय बड़े उथल-पुथल से गुजर रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के महज दो साल बाद ही सरकार के भीतर से बगावत की आवाजें तेज होने लगी हैं। पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीधा हमला बोला है। कंवर का आरोप है कि सरकार पर कुछ चुनिंदा अफसरों का कब्जा हो गया है, जिनकी वजह से प्रदेश का प्रशासन पूरी तरह चरमरा गया है।
शनिवार, 4 अक्टूबर को ननकी राम कंवर मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना प्रदर्शन करने वाले थे। लेकिन प्रदर्शन से पहले ही उन्हें रायपुर के टाटीबंध इलाके के पास पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, उनके घर और आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई।
सरकार पर अपने ही नेता के गंभीर आरोप
ननकी राम कंवर पिछले कई दिनों से लगातार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और भाजपा संगठन को कोरबा कलेक्टर की शिकायतें भेज रहे थे। उनका आरोप है कि कोरबा कलेक्टर ने आदिवासी किसानों और आम जनता के साथ अन्याय किया है और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया।
कंवर का कहना है कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है। सरगुजा, कोरबा और रायगढ़ जैसे इलाकों में आदिवासी हितों की अनदेखी हो रही है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पर कुछ चुनिंदा 2005 बैच के IAS और IPS अफसरों का कब्जा है, जो मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दरकिनार कर पूरी व्यवस्था चला रहे हैं।
2005 बैच के अफसरों पर निशाना
पूर्व गृह मंत्री ने सबसे गंभीर आरोप 2005 बैच के IAS और IPS अधिकारियों पर लगाया है।
उनका कहना है कि IAS ओपी चौधरी, जो मौजूदा वित्त मंत्री भी हैं, के बिना सरकार में एक पत्ता तक नहीं हिलता।
वहीं, IPS आरिफ शेख पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस सरकार को अपने कब्जे में रखा था और अब भाजपा सरकार भी उन्हीं के दबाव में है।
आरोप यह भी है कि इस "2005 गिरोह" ने मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर रखा है। नतीजा यह है कि अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारी लूप लाइन में डाल दिए गए हैं और शासन प्रशासन पूरी तरह कुछ गिने-चुने अफसरों के हाथ में सिमट गया है।
ननकी राम कंवर ने कहा कि यह जुगलबंदी न केवल आदिवासियों के अधिकारों को कुचल रही है बल्कि पूरे प्रदेश की अस्मिता और स्वतंत्रता को भी चुनौती दे रही है।
विकास कार्य ठप, भ्रष्टाचार पर सवाल
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि सरकार बने दो साल हो चुके हैं, लेकिन प्रदेश में विकास का नामोनिशान नहीं है।
सड़कें जर्जर हो चुकी हैं।
जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
बड़े प्रोजेक्ट्स अधर में लटके हुए हैं।
भ्रष्टाचार का बोलबाला है और जनता त्रस्त है।
कंवर ने चेतावनी दी कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में भाजपा को सत्ता से कई दशक दूर होना पड़ेगा।
अमित शाह की मौजूदगी में गरमाया सियासी माहौल
इसी बीच आज छत्तीसगढ़ दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंचे हुए हैं। शाह का कार्यक्रम बस्तर संभाग के जगदलपुर में है, जहां वे नक्सलवाद पर उच्चस्तरीय बैठकों में शामिल होंगे।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि ननकी राम कंवर को प्रदर्शन से पहले हाउस अरेस्ट करने के पीछे यही वजह है कि मामला अमित शाह तक न पहुंचे और पार्टी की किरकिरी न हो।
लेकिन सवाल यह है कि जब भाजपा का ही एक वरिष्ठ आदिवासी नेता अपनी सरकार और अपने मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा कर रहा है, तो अमित शाह इस मसले को अनदेखा कर पाएंगे या नहीं।
आदिवासी नेतृत्व पर संकट
छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल राज्य है और पहली बार भाजपा ने आदिवासी नेता विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है। इससे आदिवासी समाज को उम्मीदें थीं कि उनके हक और अधिकार सुरक्षित होंगे।
लेकिन अब आदिवासी समाज से ही आने वाले वरिष्ठ नेता सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। ननकी राम कंवर का कहना है कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद वास्तविक सत्ता कुछ अधिकारियों और उद्योगपतियों के हाथ में है।
यह स्थिति भाजपा के लिए बेहद असहज है, क्योंकि सत्ता में रहते हुए ही पार्टी अपने ही नेताओं के असंतोष से जूझ रही है।
आने वाले समय में भाजपा की साख दांव पर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर सरकार ने समय रहते हालात नहीं संभाले तो यह असंतोष भाजपा की साख पर भारी पड़ सकता है। भाजपा छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक विपक्ष में रही है और जनता ने इसे नई उम्मीदों के साथ सत्ता सौंपी थी।
लेकिन अब जब सत्ता में रहते हुए ही सरकार पर भ्रष्टाचार और अफसरशाही के आरोप लग रहे हैं, तो आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को गंभीर नुकसान हो सकता है।
मायने
ननकी राम कंवर का हाउस अरेस्ट और उनके आरोप छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकते हैं। यह सिर्फ एक नेता की नाराजगी नहीं बल्कि भाजपा की सरकार के भीतर गहराते अंतर्विरोध का संकेत है।
अमित शाह की मौजूदगी के बीच यह घटनाक्रम और भी महत्वपूर्ण हो गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन आरोपों को कैसे संभालती है और क्या वाकई "2005 गिरोह" का दबदबा छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन पर इतना गहरा है जितना आरोप लगाया जा रहा है।
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