एनएसएस कैंप में योग की जगह नमाज़? 155 छात्रों से कराई गई धार्मिक प्रक्रिया, बिलासपुर में बवाल

बिलासपुर। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एनएसएस कैंप से एक्ज़ाएट वाला मामला सामने आया है, जहां योग सत्र के दौरान छात्रों को नमाज़ की प्रक्रिया के लिए मजबूर किया गया। यह घटना कोटा क्षेत्र के शिवतराई गांव में 30 मार्च को आयोजित एनएसएस शिविर की है, जिसमें छात्रों और संरचनाओं के बीच हलचल मचा दी है।
जानकारी के अनुसार, ईद-उल-फितर के दिन सुबह 6:15 बजे से शाम 7:00 बजे तक योग सत्र का आयोजन किया गया था। शिविर में कुल 159 छात्र शामिल थे, जिनमें मुस्लिम समुदाय के केवल 4 छात्र शामिल थे। आरोप है कि कैंप समन्वयक ने इन मुस्लिम छात्रों को एक मंच पर बुलाया और सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ने की प्रक्रिया शुरू की। यही नहीं, अन्य 155 छात्रों को भी सीखने की प्रक्रिया बताई गई है और दिए गए लिंक को डाउनलोड करना है।
टिप्स वाली बात यह है कि योगाभ्यास के दौरान सभी छात्रों के मोबाइल फोन जाम कर दिए गए, जिससे किसी भी प्रकार का दृश्य उपलब्ध नहीं हो सके। हालाँकि, कुछ छात्रों ने इस घटना का विरोध किया है - कुछ ने गुप्त वीडियो बयान भी जारी किए हैं, जिनमें उन्होंने इस 'धार्मिक मूर्ति' को लेकर अपनी आपबीती साझा की है।
घटना के बाद बिलासपुर के कोनी के छात्रों द्वारा थाने में शिकायत दर्ज की गई। नौसेना मामले की जांच पुलिस कर रही है और एनएसएस प्रबंधन से भी जवाब तलब किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय क्या है?
विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन विश्वविद्यालय के अनुसार आंतरिक जांच भी शुरू कर दी गई है। इस अंक में धार्मिक संतुलन और शिक्षा क्षेत्र में धार्मिक संतुलन की सीमा पर एक बार फिर से प्रश्न दिए गए हैं।
छात्रों में संघर्ष, मूलनिवासी की चिंता
इस घटना के बाद छात्र समुदाय में असंतोष सामने आया। कुछ छात्रों ने इसमें मानसिक दबाव और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बताया है। वहीं, कई अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ऐसे शिविरों में छात्रों के साथ क्या किया जा रहा है।
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