46 डीएसपी अब भी थानों का कर रहे संचालन, दो माह बाद भी नई पदस्थापना आदेश जारी नहीं

46 DSPs are still running police stations, new posting orders not issued even after two months 46 डीएसपी अब भी थानों का कर रहे संचालन, दो माह बाद भी नई पदस्थापना आदेश जारी नहीं

Aug 2, 2025 - 17:10
Aug 2, 2025 - 19:11
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46 डीएसपी अब भी थानों का कर रहे संचालन, दो माह बाद भी नई पदस्थापना आदेश जारी नहीं

46 डीएसपी अब भी थानों का कर रहे संचालन, दो माह बाद भी नई पदस्थापना आदेश जारी नहीं

रायपुर, 2 अगस्त 2025 छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। निरीक्षक (TI) से पदोन्नत किए गए 46 उप पुलिस अधीक्षकों (DSP) को दो महीने बाद भी नई पदस्थापना नहीं मिल पाई है। गृह विभाग की अनिर्णयात्मक स्थिति के कारण यह सभी अधिकारी अब भी थानेदार की तरह अपने पुराने पदस्थानों पर काम कर रहे हैं।

6 जून 2025 को गृह विभाग ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बलौदा बाजार, कोरबा, धमतरी और रायगढ़ जैसे जिलों में पदस्थ 46 निरीक्षकों को डीएसपी पद पर पदोन्नत किया था। इनमें एंटी करप्शन और स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच (SIB) जैसे महत्वपूर्ण शाखाओं के अधिकारी भी शामिल थे।

बस्तर भेजे गए थे 21 डीएसपी

इनमें से 21 नवपदोन्नत डीएसपी को इंडक्शन कोर्स के नाम पर एक माह के लिए बस्तर क्षेत्र — बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा — भेजा गया था। अब प्रशिक्षण अवधि पूरी होने के बाद 31 जुलाई को इन्हें मौखिक आदेश के आधार पर मूल जिलों में वापस बुला लिया गया है। अधिकांश अधिकारी पहले से ही अपने जिलों में लौटकर कामकाज संभाल चुके हैं।

पदोन्नति के बाद भी जिम्मेदारी में बदलाव नहीं

वास्तविकता यह है कि डीएसपी बनने के बावजूद यह अधिकारी अब भी थानों का संचालन उसी तरह कर रहे हैं, जैसे पहले निरीक्षक के रूप में करते थे। पदोन्नति के बाद अपेक्षा थी कि इन्हें नई जिम्मेदारियाँ और नए कार्यक्षेत्र दिए जाएंगे, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी गृह विभाग की ओर से कोई पदस्थापना आदेश जारी नहीं किया गया है।

सेवानिवृत्ति के करीब अधिकारी चिंतित

कुछ डीएसपी अब सेवानिवृत्ति के मुहाने पर हैं और आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि इस बार भी फाइलें ठंडे बस्ते में चली जाएंगी। यह स्थिति न केवल इन अधिकारियों के मनोबल को प्रभावित कर रही है, बल्कि पुलिस व्यवस्था की कार्यप्रणाली और योजना निर्माण पर भी सवाल खड़े करती है।

प्रशासनिक निष्क्रियता बनी वजह?

पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग के बीच तालमेल की कमी इस विलंब की बड़ी वजह मानी जा रही है। अफसरों का कहना है कि डीएसपी स्तर के अधिकारियों के लिए स्पष्ट और समयबद्ध पदस्थापना न होने से विभागीय अनुशासन और प्रभावशीलता दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

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