छत्तीसगढ़ बोर्ड टॉपर्स की हेलीकॉप्टर राइड अधर में! 10वीं-12वीं के होनहार स्टूडेंट्स को न प्रोत्साहन राशि मिली, न सम्मान!
पिछले साल सरकार ने टॉपर्स को हेलीकॉप्टर में घुमाने का शानदार ऐलान किया था। इससे पहले भी कई बैच को इसका फायदा मिला था, लेकिन इस बार मामला लटक गया। जब रिजल्ट आया, तब सरकार ने बड़ी-बड़ी बातें की थीं, लेकिन अब तक किसी को ‘उड़ने’ का मौका नहीं मिला। टॉपर्स इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें आसमान की ऊंचाइयां छूने का मौका मिलेगा, लेकिन सरकार की चुप्पी अब उन्हें बेचैन कर रही है।

76 टॉपर्स इंतजार में, सरकार की घोषणा बनी सवाल!
रायपुर: छत्तीसगढ़ में 10वीं और 12वीं के 76 टॉपर्स, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से राज्य का नाम रोशन किया, आज निराशा और असमंजस में हैं। सरकार ने उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए हेलीकॉप्टर राइड और प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया था, लेकिन अब तक यह केवल घोषणा बनकर रह गई है।
सरकारी घोषणा, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और
राज्य सरकार हर साल मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए हेलीकॉप्टर की सैर और आर्थिक सहायता प्रदान करती आई है। 2020 में टॉपर्स को 1.5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी गई थी, जिससे छात्रों को न सिर्फ सम्मान मिला, बल्कि आगे की पढ़ाई में आर्थिक मदद भी हुई।
लेकिन इस साल, सरकार की ओर से ना कोई तारीख तय की गई है और ना ही छात्रों को कोई स्पष्ट जानकारी दी गई कि उन्हें यह सम्मान कब मिलेगा। छात्र और अभिभावक अब सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।
छात्रों और अभिभावकों की नाराजगी: क्या सिर्फ चुनावी वादा था?
छात्रों और उनके माता-पिता इस देरी से बेहद नाराज और हताश हैं। कुछ छात्रों ने कहा कि वे इस सम्मान की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन अब लगने लगा है कि यह सिर्फ एक चुनावी वादा था, जो अब भुला दिया गया है।
एक टॉपर छात्र के पिता ने कहा,
"बच्चों ने इतनी मेहनत की, और सरकार ने उन्हें सम्मान देने का वादा किया था। लेकिन अब जब समय आया, तो सरकार चुप हो गई। क्या यह सिर्फ चुनाव से पहले जनता को खुश करने के लिए किया गया था?"
शिक्षा विभाग की सफाई – "जल्द मिलेगा सम्मान"
इस पूरे मामले पर जब शिक्षा विभाग से सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि "कुछ प्रशासनिक और वित्तीय कारणों से इसमें देरी हो रही है। हम जल्द ही इस सम्मान को देने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।"
लेकिन यह जवाब छात्रों के लिए असंतोषजनक है। वे चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द तारीख तय करे और अपने वादे को निभाए।
छात्रों का भविष्य दांव पर, सरकार की जिम्मेदारी बढ़ी!
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घोषणाओं का उद्देश्य सिर्फ छात्रों को सम्मानित करना ही नहीं, बल्कि उन्हें आगे और बेहतर करने के लिए प्रेरित करना भी होता है। यदि सरकार अपने ही वादों से पीछे हटती है, तो इससे अन्य छात्रों का मनोबल भी टूट सकता है।
छत्तीसगढ़ के एक जाने-माने शिक्षाविद् ने कहा,
"अगर छात्रों को समय पर सम्मान और सहायता नहीं मिलेगी, तो वे निराश हो सकते हैं। सरकार को शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए और इस मामले में तुरंत कदम उठाने चाहिए।"
सरकारी योजनाओं की सच्चाई पर सवाल!
छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका नहीं है जब कोई सरकारी योजना अधूरी रह गई हो। इससे पहले भी कई योजनाओं में देरी या पूरी तरह से रद्द होने की खबरें सामने आ चुकी हैं। यह छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने जैसा है। आखिर कब सरकार इन मुद्दों को गंभीरता से लेगी?
छात्रों की उम्मीदें अब भी बरकरार!
छत्तीसगढ़ के इन 76 मेधावी छात्रों ने अपनी मेहनत और लगन से टॉप किया है। अब यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने वादे को पूरा करे और छात्रों को उनका सम्मान और प्रोत्साहन राशि जल्द से जल्द प्रदान करे।
वरना, भविष्य में छात्रों का सरकार पर से भरोसा उठ सकता है।
📢 आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या सरकार को जल्द से जल्द यह सम्मान देना चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं! 📝
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