चित्रकोट में नाका सील और फर्जी FIR पर ग्रामीणों का फूटा आक्रोश, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन ग्राम पंचायत के अधिकारों के हनन और प्रशासनिक मनमानी का आरोप, आंदोलन की चेतावनी
Villagers outraged over checkpoint seal and fake FIR in Chitrakot, handed over memorandum to Governor Accusation of violation of rights of Gram Panchayat and administrative arbitrariness, warning of agitation चित्रकोट में नाका सील और फर्जी FIR पर ग्रामीणों का फूटा आक्रोश, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन ग्राम पंचायत के अधिकारों के हनन और प्रशासनिक मनमानी का आरोप, आंदोलन की चेतावनी

चित्रकोट में नाका सील और फर्जी FIR पर ग्रामीणों का फूटा आक्रोश, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
ग्राम पंचायत के अधिकारों के हनन और प्रशासनिक मनमानी का आरोप, आंदोलन की चेतावनी
चित्रकोट (बस्तर)। चित्रकोट ग्राम पंचायत में एसडीएम लोहंडीगुड़ा द्वारा नाका सील करने और सरपंच सहित ग्रामीणों पर फर्जी एफआईआर दर्ज किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस कार्रवाई के विरोध में ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों ने इस प्रशासनिक कार्रवाई को अधिकारों का हनन बताते हुए जल्द सुधार की मांग की है, साथ ही आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
क्या है मामला?
चित्रकोट ग्राम पंचायत पर्यटन अधिनियम की अनुसूची में शामिल है, जिससे पंचायत को स्थानीय स्तर पर पार्किंग शुल्क वसूलने और ग्राम विकास के लिए खर्च करने का अधिकार प्राप्त है। इसी अधार पर ग्राम पंचायत द्वारा नाका संचालित किया जा रहा था, जिससे प्राप्त राशि से गांव में विकास कार्य और पर्यटन स्थल की स्वच्छता की जा रही थी।
ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम लोहंडीगुड़ा ने बिना पूर्व सूचना के इस नाके को सील कर दिया और सरपंच सहित कई ग्रामीणों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 189 व 126(2) के तहत फर्जी एफआईआर दर्ज कर दी। यह कार्यवाही पंचायत के वैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
ग्राम पंचायत की प्रमुख मांगें:
1. फर्जी एफआईआर को तत्काल निरस्त किया जाए।
2. नाके को पुनः प्रारंभ करने की अनुमति दी जाए, जिससे ग्राम विकास कार्यों में रुकावट न आए।
3. एसडीएम लोहंडीगुड़ा के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
4. नाके से प्राप्त राशि का उपयोग केवल ग्राम विकास एवं पर्यटन स्थल की जरूरतों के लिए किया जाए।
5. पंचायत प्रतिनिधियों को धमकाने व दबाव बनाने की कार्रवाई बंद की जाए।
6. पंचायतों के विशेष अधिकारों की रक्षा की जाए।
7. यदि मांगें नहीं मानी गईं तो एसडीएम कार्यालय का घेराव कर आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीणों में आक्रोश, प्रशासन से जवाबदेही की मांग
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2021 से पंचायत द्वारा नाका संचालित किया जा रहा है, जो पूर्णत: वैध है। इसके बावजूद एसडीएम द्वारा न केवल नाके को सील किया गया, बल्कि सरपंच व अन्य ग्रामीणों को अपराधी की तरह पेश किया गया। इससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।
ग्राम पंचायत चित्रकोट, विकासखंड लोहंडीगुड़ा के जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यदि शासन-प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाया, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
यह प्रकरण न केवल ग्राम पंचायत के अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि यह स्थानीय स्वशासन की आत्मनिर्भरता और सम्मान की भी परीक्षा है।
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