रायपुर: अवैध प्रार्थना सभा पर बजरंग दल का हंगामा मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण पर सख्त कानून की घोषणा की
Raipur Bajrang Dal creates ruckus over illegal prayer meeting, CM announces strict law on religious conversion रायपुर अवैध प्रार्थना सभा पर बजरंग दल का हंगामा मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण पर सख्त कानून की घोषणा की

रायपुर: अवैध प्रार्थना सभा पर बजरंग दल का हंगामा, मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण पर सख्त कानून की घोषणा की
रायपुर। राजधानी रायपुर की डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में रविवार को उस समय हंगामा मच गया जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक अवैध प्रार्थना सभा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बताया जा रहा है कि यह सभा रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित एक भवन में आयोजित की जा रही थी। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और विरोध दर्ज कराते हुए जमकर नारेबाजी की।
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री बंटी कर्ण ने आरोप लगाया कि इस भवन में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण का कार्य किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से यहां गरीब और आदिवासी समाज के लोगों को धन और लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाया जा रहा था।
स्थिति को देखते हुए मौके पर आरपीएफ और स्थानीय थाना पुलिस की तैनाती की गई। रेलवे प्रशासन भी हरकत में आया और प्रार्थना सभा भवन को अवैध करार देते हुए कार्रवाई की बात कही। आरपीएफ के कमांडेंट रमण कुमार ने बताया कि “रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा कर प्रार्थना भवन बनाया गया है। हमारी टीम मौके पर मौजूद थी, आगे की कार्रवाई रेलवे इंजीनियरिंग विभाग करेगा।”
धर्मांतरण पर मुख्यमंत्री का सख्त रुख
प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णु साय ने बयान जारी कर कहा कि जल्द ही राज्य में धर्मांतरण पर सख्त कानून लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में इस विषय पर प्रस्ताव लाकर कानून पारित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य के कई क्षेत्रों, विशेषकर सरगुजा और बस्तर संभाग में ईसाई मिशनरियों द्वारा गरीब, पिछड़े और आदिवासी लोगों को लालच देकर धर्मांतरण करवाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से चर्च बनाए जा रहे हैं और आसपास के लोगों को टारगेट कर "धर्मांतरण का खेल" खेला जा रहा है। इससे सामाजिक और धार्मिक संतुलन बिगड़ सकता है।
हिंदू संगठनों का अल्टीमेटम
विरोध प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के भीतर रेलवे प्रशासन द्वारा अवैध प्रार्थना भवन को नहीं हटाया गया, तो वे स्वयं इसे तोड़ने की कार्रवाई करेंगे।
मायने
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से गर्माता जा रहा है। हिंदू संगठनों के सक्रिय विरोध और सरकार के सख्त संकेतों के बीच आने वाले समय में इस पर एक कठोर कानून लागू किया जा सकता है। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य में सामाजिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
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