22 साल बाद अमेरिका का सीधा सैन्य हस्तक्षेप — ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला
Direct US military intervention after 22 years - attack on Iran's nuclear installations 22 साल बाद अमेरिका का सीधा सैन्य हस्तक्षेप — ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला

22 साल बाद अमेरिका का सीधा सैन्य हस्तक्षेप — ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला
22 जून 2025, मध्य-पूर्व की राजनीति और वैश्विक सुरक्षा समीकरणों के लिए एक निर्णायक दिन बन गया। अमेरिका ने 22 साल बाद पहली बार सीधे सैन्य कार्रवाई करते हुए ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं पर भीषण हवाई हमला किया।
क्या हुआ?
शनिवार तड़के (ईरान समय अनुसार 02:10 बजे, यानी जीएमटी के अनुसार 21 जून रात 11:00 बजे) अमेरिका ने फ़ोर्डो (Fordow), नाटांज़ (Natanz) और इज़फ़हान (Isfahan) स्थित परमाणु ठिकानों पर हमला किया।
इस कार्रवाई को “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” (Operation Midnight Hammer) नाम दिया गया।
-ऑपरेशन ‘मिडनाइट हैमर’ : कैसे हुआ हमला?
सात B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने 14 × GBU-57 “बंकर बस्टर” बम गिराए।
अमेरिकी पनडुब्बियों से 30 से अधिक Tomahawk मिसाइलें नाटांज़ और इज़फ़हान पर दागी गईं।
व्हाइट हाउस का दावा — तीनों साइटें पूरी तरह तबाह।
इज़राइल का बयान — फ़ोर्डो “गायब” हो चुका है।
इसकी पृष्ठभूमि
13 जून से इज़राइल लगातार ईरान पर हवाई हमले कर रहा था। अमेरिका अब तक इस युद्ध में सीधे शामिल नहीं हुआ था।
हालांकि, रणनीतिक समीकरण बदलते देख अमेरिका ने इज़राइल का समर्थन करते हुए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इरानी प्रतिक्रिया और हकीकत
ईरानी अधिकारियों का दावा — हमले में कोई बड़ी क्षति नहीं, केवल कुछ सुरंगें क्षतिग्रस्त।
IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी) ने पुष्टि की — कहीं भी विकिरण स्तर में वृद्धि नहीं।
अमेरिकी रणनीतिक सोच
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले को “स्पेक्ट्रैकुलर सक्सेस” बताया।
कहा — “अब या तो शांति होगी, या फिर वह त्रासदी जो दुनिया ने नहीं देखी।”
अमेरिकी रक्षा सचिव हेज़ेट ने कहा — “लक्ष्य सिर्फ परमाणु ठिकाने थे, सत्ता परिवर्तन नहीं।”
वैश्विक और क्षेत्रीय प्रतिक्रियाएँ
पक्ष प्रतिक्रिया
इरान “सभी विकल्प खुले हैं”, स्ट्रेट ऑफ़ होरमज़ बंद करने की चेतावनी
इज़राइल अमेरिकी कार्रवाई का स्वागत, इसे “मोड़ बदलने वाला” बताया
यूरोप संयम की अपील
रूस-चीन हमले की कड़ी निंदा
ऑस्ट्रेलिया समर्थन, मगर कुछ राजनीतिक विरोध भी
तेल बाज़ार वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट
क्या 22 साल बाद अमेरिका ने फिर युद्ध में प्रवेश किया?
पिछला संदर्भ
अमेरिका ने जून 2003 में इराक युद्ध के बाद किसी देश के खिलाफ सीधे सैन्य कार्रवाई नहीं की थी।
22 जून 2025 को हुए इस हमले ने अमेरिका को फिर मध्य-पूर्व के युद्ध क्षेत्र में खींच लिया।
आगे क्या हो सकता है?
स्थिति संभावित परिणाम
इरानी प्रतिशोध अमेरिकी-इज़राइली ठिकानों पर मिसाइल/ड्रोन हमला, होरमज़ जलडमरू पटरी बाधित
राजनयिक वापसी युद्ध शिथिल पड़ने पर संभावित वार्ता, ट्रम्प ने भी संकेत दिया
पुनर्निर्माण विशेषज्ञ मानते हैं — ईरान अपनी परमाणु क्षमताएं फिर बहाल कर सकता
निष्कर्ष
22 जून 2025 को अमेरिका ने 22 साल बाद किसी देश के परमाणु ठिकानों पर हमला कर मध्य-पूर्व में जबरदस्त तनाव पैदा कर दिया।
इससे इज़राइल को सैन्य संबल मिला, मगर दुनिया भर में सुरक्षा संकट और आर्थिक अस्थिरता की आशंका भी गहरा गई है।
अब सबकी नजरें हैं — इरान की अगली प्रतिक्रिया और अमेरिका-इज़राइल की अगली रणनीति पर।
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