Contractor troubled by the arbitrariness of officers, payment stopped for eight months अधिकारियों की मनमानी से ठेकेदार त्रस्त, आठ महीने से रुका भुगतान – विकास कार्य रुका

अधिकारियों की मनमानी से ठेकेदार त्रस्त, आठ महीने से रुका भुगतान – विकास कार्य रुका

Sep 16, 2025 - 20:29
Sep 16, 2025 - 20:30
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Contractor troubled by the arbitrariness of officers, payment stopped for eight months  अधिकारियों की मनमानी से ठेकेदार त्रस्त, आठ महीने से रुका भुगतान – विकास कार्य रुका

अधिकारियों की मनमानी से ठेकेदार त्रस्त, आठ महीने से रुका भुगतान – विकास कार्य रुका

रायपुर। प्रदेशभर के ठेकेदारों ने अधिकारियों की मनमानी और भुगतान में देरी को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। मंगलवार को होटल क्लार्क इन में छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न जिलों से आए ठेकेदारों ने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। ठेकेदारों का कहना है कि आठ महीने से भुगतान नहीं हुआ है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है और विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं।

महीनों से अटके बिल, रिश्वत के बिना नहीं होता काम

बैठक में ठेकेदारों ने खुलासा किया कि काम पूरा करने के बाद भी महीनों तक विभागीय भुगतान नहीं मिलता। अधिकारी जानबूझकर फाइल रोक देते हैं और बिना रिश्वत दिए बिल पास नहीं करते। कई बार जब ठेकेदार भुगतान के लिए अर्जी लगाते हैं तो अधिकारियों की ओर से उल्टे-सीधे सवाल पूछकर उन्हें परेशान किया जाता है।

ठेकेदारों का कहना था कि कार्य तो वे स्वयं का पैसा लगाकर कर देते हैं, उम्मीद रहती है कि समय पर भुगतान हो जाएगा। लेकिन अधिकारियों के रवैये के कारण न केवल ठेकेदार परेशान हो रहे हैं बल्कि सरकार की छवि भी खराब हो रही है।

प्रदेशभर से आई शिकायतें

जगदलपुर, कांकेर, कवर्धा, बिलासपुर, धमतरी और दुर्ग समेत अनेक जिलों के ठेकेदार बैठक में शामिल हुए। सभी का कहना था कि अधिकारी टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ियां करते हैं और नियमों को ताक पर रखकर मनमानी करते हैं। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि कुछ ठेकेदार निजी फायदे के लिए अधिकारियों की चाटुकारिता करते हैं, जिससे बाकी ठेकेदारों की बदनामी होती है।

बैठक में यह राय बनी कि अब केवल भाषणबाजी से काम नहीं चलेगा, बल्कि सरकार और उच्च अधिकारियों तक ठेकेदारों की आवाज पहुंचानी होगी।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों से मुलाकात करेंगे ठेकेदार

छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेश शुक्ला ने बताया कि सभी ठेकेदार एकजुट हो चुके हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मुख्य सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा से भी प्रतिनिधि मंडल मिलेगा।

शुक्ला ने कहा, “अधिकारियों की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं होगी। ठेकेदार ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, लेकिन विभागीय बाधाएं विकास की रफ्तार रोक रही हैं।”

बस्तर संभाग में 800 करोड़ का भुगतान लंबित

बैठक में यह भी बताया गया कि केवल बस्तर संभाग के ठेकेदारों का ही लगभग 800 करोड़ रुपये से अधिक भुगतान अटका हुआ है। इससे ठेकेदारों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है और कई कंपनियों की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी है।

इंजीनियरों और मजदूरों को महीनों से वेतन नहीं मिल रहा, जिससे वे बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं। ठेकेदारों ने कहा कि अगर जल्द ही भुगतान नहीं हुआ तो प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो जाएंगे।

विभागीय अधिकारियों की प्रताड़ना

ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि अधिकारी स्पॉट इंस्पेक्शन के नाम पर रात में टॉर्च की रोशनी में मुआयना करते हैं। न तो उन्हें पहले से सूचित किया जाता है और न ही निष्पक्षता से काम देखा जाता है। इसके अलावा तरह-तरह के नोटिस थमाकर ठेकेदारों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

जीएसटी नियमावली और बढ़ते कर्ज ने ठेकेदारों की परेशानी और बढ़ा दी है। कई ठेकेदार अब और कर्ज लेकर काम करने की स्थिति में नहीं हैं।

संगठन और सरकार से उम्मीद

ठेकेदारों ने मांग की कि मुख्यमंत्री स्वयं मामले की समीक्षा कर अटके भुगतानों को तुरंत जारी करें। उनका कहना था कि भाजपा संगठन को भी इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और सरकार से मिलकर अड़चनों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

बैठक में यह संदेश साफ रहा कि यदि ठेकेदार एकजुट होकर आवाज उठाएंगे तभी अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लग सकेगा।

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